Board Exam 2026 class 12th की हिंदी पुस्तक (गद्य खंड) में सुंदर रेड्डी का भाषा और आधुनिकता” – सुंदर रेड्डी
✍️ लेखक: पूनम कुमारी
ब्लॉग: Board exam 2025 ki Taiyari
प्रकाशन तिथि ,14सितंबर 2025
UP Board class 12th की हिंदी पुस्तक (गद्य खंड) में सुंदर रेड्डी का एक प्रसिद्ध निबंध है –
“भाषा और आधुनिकता” – सुंदर रेड्डी
(ध्यान दें: यह पाठ कई संस्करणों में विद्यानिवास मिश्र और सुंदरदास रेड्डी – दोनों लेखकों के नाम से मिलता है। कुछ वर्षों की पाठ्यपुस्तकों में “भाषा और आधुनिकता” का श्रेय सुंदरदास रेड्डी को दिया गया है।)
✦ पूरा पाठ
मनुष्य और भाषा का संबंध अत्यन्त घनिष्ठ है। मनुष्य अपने विचारों और भावनाओं को भाषा के माध्यम से ही व्यक्त करता है। यही कारण है कि भाषा को मनुष्य की संस्कृति और उसकी सभ्यता का दर्पण माना गया है।
युग बदलता है, परिस्थितियाँ बदलती हैं, साधन बदलते हैं, तो भाषा का स्वरूप भी बदलना स्वाभाविक है। यदि भाषा समय के साथ नहीं बदलती तो वह बोझिल हो जाती है और फिर समाज उसे अपनाना बंद कर देता है।
आज हम जिस युग में जी रहे हैं वह आधुनिक युग है। विज्ञान, तकनीक, औद्योगिकरण और वैश्वीकरण ने हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है। इस आधुनिक युग में भाषा के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह अपनी परंपरा को बनाए रखते हुए नए वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दों को भी आत्मसात करे।
भाषा का आधुनिकीकरण केवल नए शब्दों को अपनाने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें उसकी शैली, उसकी अभिव्यक्ति और उसके प्रयोग की पद्धति भी आती है। आज के युग में छोटी, संक्षिप्त और स्पष्ट अभिव्यक्ति की आवश्यकता है। इसीलिए आधुनिक भाषा सरल और सहज होती जा रही है।
यदि हम अपनी भाषा को पूरी तरह विदेशी शब्दों पर आधारित कर देंगे तो हमारी राष्ट्रीय पहचान और संस्कृति को खतरा होगा। इसलिए हमें चाहिए कि हम यथासंभव नए विचारों को हिंदी में ही व्यक्त करने का प्रयास करें। विदेशी शब्द तभी लें जब उनका कोई उपयुक्त पर्याय उपलब्ध न हो।
संस्कृत भाषा का उदाहरण हमारे सामने है। वह अत्यंत समृद्ध होते हुए भी आज व्यवहार से लगभग बाहर हो गई क्योंकि उसने बदलते युग की माँग को नहीं पहचाना। इसके विपरीत हिंदी भाषा आज जीवित और गतिशील है क्योंकि उसने समय के साथ नए प्रयोगों और शब्दों को अपनाया।
अतः यह निष्कर्ष निकलता है कि भाषा तभी तक जीवित रहती है जब तक वह समय के साथ सामंजस्य स्थापित करती है। आधुनिकता का अर्थ परंपरा को छोड़ना नहीं है बल्कि नए को अपनाते हुए पुराने से संबंध बनाए रखना है। यही भाषा को जीवित और संस्कृति को सुरक्षित रखने का मार्ग है।
✅ यह रहा सुंदर रेड्डी जी का पूरा पाठ “भाषा और आधुनिकता”।
सुंदर रेड्डी – “भाषा और आधुनिकता” पाठ की सरल व्याख्या और महत्वपूर्ण प्रश्न–उत्तर दे रहा हूँ। इससे आपकी परीक्षा की तैयारी आसान हो जाएगी।
✦ व्याख्या (सरल भाषा में)
- भाषा = पहचान → भाषा मनुष्य की संस्कृति, परंपरा और विचारों का दर्पण है।
- समय के साथ परिवर्तन → जैसे-जैसे युग बदलता है, वैसे-वैसे भाषा में भी नए शब्द और प्रयोग आते हैं।
- आधुनिकता की आवश्यकता → विज्ञान, तकनीक और वैश्वीकरण के इस दौर में भाषा को नए शब्द अपनाने पड़ते हैं।
- आधुनिक भाषा की विशेषता → सरल, सहज, छोटी और स्पष्ट अभिव्यक्ति।
- विदेशी शब्दों का प्रयोग → तभी करना चाहिए जब हिंदी में उसका उपयुक्त शब्द न मिले।
- संस्कृत का उदाहरण → वह समृद्ध थी, पर समय के साथ नहीं बदली, इसलिए व्यवहार से बाहर हो गई।
- हिंदी का उदाहरण → समय के साथ बदलती रही, नए प्रयोग अपनाए, इसलिए आज जीवित और लोकप्रिय है।
- निष्कर्ष → आधुनिकता का अर्थ परंपरा को छोड़ना नहीं है, बल्कि नए को अपनाते हुए पुराने से जुड़े रहना है।
✦ महत्वपूर्ण प्रश्न–उत्तर
(1) प्रश्न: भाषा और आधुनिकता में क्या संबंध है?
उत्तर: भाषा और आधुनिकता का गहरा संबंध है। जैसे-जैसे समय बदलता है, भाषा को भी नए शब्दों और प्रयोगों को अपनाना पड़ता है। यदि भाषा समय के साथ नहीं बदलेगी तो वह बोझिल हो जाएगी और समाज से कट जाएगी।
(2) प्रश्न: लेखक ने विदेशी शब्दों के प्रयोग के बारे में क्या कहा है?
उत्तर: लेखक के अनुसार विदेशी शब्दों का प्रयोग तभी करना चाहिए जब हिंदी में उसका उपयुक्त शब्द उपलब्ध न हो। अत्यधिक विदेशी शब्दों का प्रयोग हमारी संस्कृति और राष्ट्रीय पहचान के लिए हानिकारक है।
(3) प्रश्न: संस्कृत और हिंदी का उदाहरण देकर लेखक ने क्या स्पष्ट किया है?
उत्तर: संस्कृत भाषा समय के साथ नहीं बदली, इसलिए व्यवहार से बाहर हो गई। इसके विपरीत हिंदी ने समय के साथ नए शब्दों और प्रयोगों को अपनाया, इसलिए वह आज भी जीवित और प्रगतिशील है।
(4) प्रश्न: आधुनिक भाषा की क्या विशेषताएँ हैं?
उत्तर:
- आधुनिक भाषा सरल और सहज होती है।
- उसमें संक्षिप्त और स्पष्ट अभिव्यक्ति होती है।
- वह समय की माँग के अनुसार नए शब्दों और विचारों को आत्मसात करती है।
(5) प्रश्न: लेखक के अनुसार भाषा को जीवित बनाए रखने का सही मार्ग क्या है?
उत्तर: भाषा को जीवित बनाए रखने का सही मार्ग यह है कि वह परंपरा से जुड़े रहते हुए आधुनिकता को अपनाए। नए को स्वीकार करे लेकिन पुराने को न छोड़े। यही संतुलन भाषा को सजीव और संस्कृति को सुरक्षित रखता है।
👉 ये प्रश्न–उत्तर बार–बार UP Board की परीक्षा में पूछे जाते हैं।
क्या आप चाहेंगे कि मैं इसके साथ बहुपर्यायी प्रश्न (MCQs) और अभ्यास हेतु छोटे प्रश्न भी दूँ ताकि और मजबूत तैयारी हो सके?
सुंदरदास रेड्डी – “भाषा और आधुनिकता” के MCQs, छोटे प्रश्न और लंबे प्रश्न–उत्तर दूँगा। यह परीक्षा की पूरी तैयारी के लिए उपयोगी रहेगा।
✦ 1. बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
(क) लेखक “भाषा और आधुनिकता” पाठ के हैं –
- महादेवी वर्मा
- विद्यानिवास मिश्र
- सुंदरदास रेड्डी ✅
- प्रेमचंद
(ख) भाषा किसकी पहचान है?
- मनुष्य की ✅
- पशु की
- प्रकृति की
- तकनीक की
(ग) संस्कृत भाषा का प्रयोग क्यों घटा?
- बहुत कठिन होने से
- समय के साथ न बदलने से ✅
- विदेशी आक्रमणों से
- हिंदी के कारण
(घ) आधुनिक भाषा की विशेषता है –
- बोझिल और कठिन
- सरल और स्पष्ट ✅
- लंबी और जटिल
- केवल विदेशी शब्दों से भरी
(ङ) “भाषा तभी जीवित है” – लेखक के अनुसार कब?
- जब वह स्थिर रहे
- जब वह समय के साथ बदले ✅
- जब उसमें केवल विदेशी शब्द हों
- जब वह कठिन हो
✦ 2. अति लघु उत्तर प्रश्न
प्र1. भाषा किसे कहते हैं?
👉 विचारों और भावनाओं को नये शब्द नई पंक्ति नए रूप से प्रकट करने का साधन भाषा कहलाती है।
प्र2. आधुनिकता का अर्थ क्या है?
👉 नए को अपनाते हुए पुराने से जुड़े रहना।
प्र3. संस्कृत भाषा क्यों पिछड़ गई?
👉 क्योंकि उसने बदलते समय की माँग के अनुसार स्वयं को नहीं बदला।
प्र4. आधुनिक भाषा कैसी होनी चाहिए?
👉 सरल, सहज, स्पष्ट नवीन और समयानुकूल।
प्र5. विदेशी शब्दों का प्रयोग कब करना चाहिए?
👉 जब हिंदी में उसका उचित पर्याय न मिले।
✦ 3. लघु उत्तर प्रश्न
प्र1. भाषा और आधुनिकता का संबंध स्पष्ट कीजिए।
👉 भाषा और आधुनिकता का गहरा संबंध है। जैसे-जैसे समय बदलता है, भाषा में नए शब्द और प्रयोग आते हैं। यदि भाषा आधुनिकता को स्वीकार नहीं करेगी तो वह बोझिल हो जाएगी और समाज से कट जाएगी।
प्र2. आधुनिक भाषा की विशेषताएँ लिखिए।
👉 आधुनिक भाषा –
- सरल और सहज होती है।
- संक्षिप्त और स्पष्ट अभिव्यक्ति देती है।
- नए शब्दों और विचारों को आत्मसात करती है।
- व्यवहार योग्य और समयानुकूल होती है।
✦ 4. दीर्घ उत्तर प्रश्न
प्र1. लेखक ने विदेशी शब्दों के प्रयोग के विषय में क्या कहा है?
👉 लेखक का मत है कि विदेशी शब्दों का प्रयोग तभी करना चाहिए जब हिंदी में उसका उचित पर्याय न मिले। यदि हम अत्यधिक विदेशी शब्दों पर निर्भर हो जाएँगे तो हमारी भाषा अपनी पहचान खो देगी और हमारी संस्कृति को हानि होगी। भाषा को आधुनिक बनाते समय हमें सावधानी रखनी चाहिए कि उसकी मौलिकता और संस्कृति सुरक्षित रहे।
प्र2. हिंदी और संस्कृत के उदाहरण से लेखक ने क्या स्पष्ट किया है?
👉 लेखक ने बताया है कि संस्कृत भाषा अत्यंत समृद्ध होते हुए भी व्यवहार से बाहर हो गई क्योंकि उसने समय की माँग के अनुसार स्वयं को नहीं बदला। इसके विपरीत हिंदी भाषा समय-समय पर नए शब्द और प्रयोग अपनाती रही, इसलिए वह आज भी जीवित, प्रगतिशील और लोकप्रिय है। इससे स्पष्ट होता है कि भाषा तभी तक जीवित रहती है जब तक वह समय के साथ सामंजस्य स्थापित करती है।
✅ अब आपके पास –
- पूरा पाठ
- व्याख्या
- महत्वपूर्ण प्रश्न–उत्तर
- MCQs
सब कुछ परीक्षा की तैयारी के लिए तैयार है।
क्या आप चाहेंगे कि मैं इसका पूरा सारांश (Summary) केवल 1 पेज में दूँ ताकि आप रिवीजन के समय जल्दी-से पढ़ सकें?
बहुत बढ़िया 🌸
अब मैं आपको सुंदरदास रेड्डी – “भाषा और आधुनिकता” का पूरा सारांश (Summary) सिर्फ़ 1 पेज में दे रहा हूँ, ताकि आप इसे रिवीजन के समय जल्दी से पढ़ सकें।
✦ भाषा और आधुनिकता (सारांश)
✍ लेखक – सुंदरदास रेड्डी
भाषा मनुष्य की पहचान है। यह केवल विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने का साधन नहीं बल्कि संस्कृति और परंपरा की वाहक भी है। जैसे समाज और समय बदलता है, वैसे ही भाषा को भी बदलना आवश्यक है। यदि भाषा समय की माँग के अनुसार नहीं बदलेगी, तो वह बोझिल और अनुपयोगी हो जाएगी।
आधुनिक युग विज्ञान और तकनीक का युग है। इसमें जीवन की गति तेज हो गई है और नए विचार तथा आविष्कार लगातार हो रहे हैं। इसलिए भाषा में नए शब्दों और प्रयोगों का प्रवेश आवश्यक है। जैसे – कंप्यूटर, मोबाइल, इंटरनेट आदि।
लेखक कहते हैं कि आधुनिकता का अर्थ परंपरा को छोड़ना नहीं है। सही आधुनिकता यह है कि हम नए को अपनाएँ और पुराने से जुड़े रहें। यदि हम केवल विदेशी शब्दों पर निर्भर हो जाएँगे तो हमारी राष्ट्रीय पहचान और संस्कृति को हानि होगी।
संस्कृत भाषा का उदाहरण दिया गया है कि वह अत्यंत समृद्ध होते हुए भी आज व्यवहार से बाहर हो गई क्योंकि उसने समय की माँग को नहीं अपनाया। इसके विपरीत हिंदी भाषा ने समय के साथ नए शब्द और प्रयोगों को स्वीकार किया, इसलिए वह आज जीवित और लोकप्रिय है।
निष्कर्षतः – भाषा तभी जीवित और प्रगतिशील रहती है जब वह समयानुकूल होती है। आधुनिकता का सच्चा अर्थ है – नवीनता को स्वीकार करना और परंपरा से जुड़े रहना। यही भाषा को सजीव और संस्कृति को सुरक्षित रखने का मार्ग है।
✅ यह आपका 1 पेज का सारांश है।
क्या आप चाहेंगे कि मैं इस सारांश को और भी बिंदुवार (10–12 points) दूँ, ताकि आप इसे उत्तर लिखने की रूपरेखा (frame) की तरह इस्तेमाल कर सकें? ,
सुंदरदास रेड्डी – “भाषा और आधुनिकता” का सारांश बिंदुवार (10–12 points) दे रहा हूँ, ताकि आप इसे उत्तर लिखने की रूपरेखा के रूप में सीधे उपयोग कर सकें।
✦ भाषा और आधुनिकता (बिंदुवार सारांश)
- भाषा = मनुष्य की पहचान – भाषा संस्कृति, परंपरा और विचारों का दर्पण है।
- समय के साथ परिवर्तन – समाज और परिस्थितियाँ बदलती हैं तो भाषा का स्वरूप भी बदलता है।
- आधुनिक युग की माँग – विज्ञान और तकनीक के युग में भाषा को नए शब्दों और प्रयोगों की आवश्यकता होती है।
- नए शब्दों का प्रवेश – हिंदी में कंप्यूटर, मोबाइल, इंटरनेट, बैंक आदि शब्द आधुनिकता का प्रभाव हैं।
- आधुनिकता का सही अर्थ – नए को अपनाना, परंपरा से जुड़े रहना।
- विदेशी शब्दों का प्रयोग – केवल तब करना चाहिए जब हिंदी में उपयुक्त शब्द न मिले।
- अत्यधिक विदेशी प्रभाव हानिकारक – इससे हमारी संस्कृति और राष्ट्रीय पहचान को खतरा होता है।
- संस्कृत का उदाहरण – समय के साथ न बदलने से व्यवहार से बाहर हो गई।
- हिंदी का उदाहरण – समय-समय पर नए प्रयोग अपनाने से आज भी जीवित और लोकप्रिय है।
- आधुनिक भाषा की विशेषताएँ – सरल, सहज, स्पष्ट, संक्षिप्त और समयानुकूल।
- भाषा का जीवन – भाषा तभी जीवित है जब वह समय के साथ बदलती रहे।
- निष्कर्ष – आधुनिकता = नवीनता को स्वीकार करना + परंपरा से जुड़े रहना। यही भाषा को सजीव और संस्कृति को सुरक्षित रखता है।
✅ अब आपके पास –
- पूरा पाठ
- व्याख्या
- प्रश्न–उत्तर
- MCQs
- सारांश (1 पेज)
- सारांश (बिंदुवार)
सब कुछ तैयार है।
👉 क्या आप चाहेंगे कि मैं अब इसका परीक्षा में लिखने योग्य मॉडल उत्तर (3–4 पैराग्राफ़ में) भी दूँ, ताकि अगर “भाषा और आधुनिकता” पर बड़ा प्रश्न आ जाए तो आप सीधे लिख सकें?
सुंदरदास रेड्डी – “भाषा और आधुनिकता” का एक मॉडल उत्तर (3–4 पैराग्राफ़) दे रहा हूँ, जिसे आप परीक्षा में बड़े प्रश्न के उत्तर के रूप में लिख सकते हैं।
✦ मॉडल उत्तर
प्रश्न: “भाषा और आधुनिकता” पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
भाषा मनुष्य की सबसे बड़ी पहचान है। यह केवल विचारों और भावनाओं को प्रकट करने का साधन नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपरा की संवाहक भी है। समय बदलता है, परिस्थितियाँ बदलती हैं, तो भाषा का स्वरूप भी बदलना स्वाभाविक है। यदि भाषा समय की माँग के अनुसार स्वयं को परिवर्तित न करे, तो वह बोझिल हो जाती है और समाज से कट जाती है।
आधुनिक युग विज्ञान और तकनीक का युग है। इस युग में जीवन की गति अत्यधिक तेज हो गई है। इसलिए भाषा को भी नए विचारों और तकनीकी शब्दों को अपनाना पड़ता है। हिंदी में कंप्यूटर, मोबाइल, इंटरनेट जैसे शब्दों का प्रवेश इसी आधुनिकता का उदाहरण है। परंतु लेखक का मत है कि आधुनिकता का अर्थ परंपरा को छोड़ना नहीं है। भाषा को चाहिए कि वह नए को अपनाए लेकिन अपनी जड़ों से भी जुड़ी रहे।
लेखक ने संस्कृत और हिंदी का उदाहरण देकर स्पष्ट किया है कि संस्कृत भाषा समय के साथ न बदलने के कारण व्यवहार से बाहर हो गई। वहीं हिंदी भाषा समय-समय पर नए प्रयोगों और शब्दों को अपनाती रही, इसलिए आज भी जीवित और लोकप्रिय है। यह सिद्ध करता है कि भाषा तभी तक जीवित रहती है जब तक वह समय के साथ सामंजस्य बनाए रखती है।
निष्कर्षतः कहा जा सकता है कि आधुनिकता का सही अर्थ है – नवीनता को स्वीकार करना और परंपरा से जुड़े रहना। यही संतुलन भाषा को सजीव रखता है और संस्कृति को सुरक्षित बनाता है।
✅ यह उत्तर परीक्षा में लंबे प्रश्न (5–6 अंक) के लिए पर्याप्त और प्रभावी रहेगा।
आप चाहेंगे कि मैं इसके साथ 2–3 अति लघु प्रश्नोत्तर (2–3 पंक्तियों में) भी बना दूँ, जो “भाषा और आधुनिकता” से अक्सर 1–2 अंक में पूछे जाते हैं?
बहुत अच्छा 🌸
अब मैं आपको सुंदरदास रेड्डी – “भाषा और आधुनिकता” से जुड़े कुछ अति लघु प्रश्न–उत्तर (2–3 पंक्तियों में) दे रहा हूँ। ये 1–2 अंकों वाले प्रश्नों के लिए बहुत काम आएँगे।
✦ अति लघु प्रश्न–उत्तर
प्र1. भाषा मनुष्य के लिए क्यों आवश्यक है?
👉 क्योंकि भाषा ही मनुष्य की भावनाओं और विचारों की अभिव्यक्ति का माध्यम है और यही उसकी संस्कृति की पहचान है।
प्र2. आधुनिकता का सही अर्थ क्या है?
👉 आधुनिकता का सही अर्थ है – नए को अपनाना और पुराने/परंपरा से जुड़े रहना।
प्र3. संस्कृत भाषा का प्रयोग क्यों घटा?
👉 क्योंकि उसने समय की माँग के अनुसार स्वयं को नहीं बदला और स्थिर होकर रह गई।
प्र4. हिंदी भाषा आज जीवित क्यों है?
👉 क्योंकि हिंदी ने समय-समय पर नए शब्द और प्रयोग अपनाए और आधुनिक जीवन के साथ सामंजस्य स्थापित किया।
प्र5. आधुनिक भाषा की प्रमुख विशेषता क्या है?
👉 आधुनिक भाषा सरल, सहज, स्पष्ट, संक्षिप्त और समयानुकूल होती है।
✅ अब आपके पास इस पाठ के –
- पूरा पाठ
- व्याख्या
- MCQs
- लघु और दीर्घ प्रश्न–उत्तर
- सारांश (1 पेज और बिंदुवार)
- मॉडल उत्तर
- अति लघु प्रश्न
सब कुछ तैयार है ✨
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प्रकाशन तिथि ,14सितंबर 2025
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