Board Exam 2026 Chapter 5 : प्रगति के मानदण्ड – पं. दीनदयाल उपाध्याय) का पूरा पाठ
Chapter 5 : प्रगति के मानदण्ड – पं. दीनदयाल उपाध्याय) का पूरा पाठ आपके लिए: ✍️ लेखक: पूनम कुमारी ब्लॉग: Board exam 2025 ki Taiyari प्रकाशन तिथि ,7 सितंबर 2025 ✦ प्रगति के मानदण्ड ✍ लेखक – पं. दीनदयाल उपाध्याय पूरा पाठ प्रगति का वास्तविक अर्थ केवल भौतिक उन्नति नहीं है। जिस समाज में केवल भौतिक साधनों को ही प्रगति का आधार मान लिया जाता है, वहाँ मनुष्य का सर्वांगीण विकास नहीं हो पाता। प्रगति के सही मानदण्ड वे हैं, जिनसे व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक विकास हो। आजकल प्रगति की परिभाषा में केवल कारखानों की संख्या, मशीनों का उत्पादन, वैज्ञानिक आविष्कार और भौतिक साधनों की अधिकता को ही माना जाता है। किंतु यह अधूरा दृष्टिकोण है। यदि मनुष्य का मन और आत्मा निरंतर पतन की ओर जा रहे हों, तो केवल भौतिक सुख-सुविधाओं के बढ़ जाने से समाज को प्रगति नहीं कहा जा सकता। सच्ची प्रगति वह है जिसमें मनुष्य अपने नैतिक आदर्शों को ऊँचा उठाए, समाज में मानवता और बंधुत्व की भावना बढ़े तथा जीवन में संतुलन और समरसता का विकास हो। मनुष्य की प्रगति तभी मानी जाएगी जब उसके विचार ऊँच...