2026 Board Exam : बच्चों का डर कैसे भगाएँ?


2026 बोर्ड एग्ज़ाम बच्चों का डर कैसे भगाएँ” पर एक 

✍️ लेखक: पूनम कुमारी

ब्लॉग: Board exam 2025 ki Taiyari

प्रकाशन तिथि  ,8 सितंबर 2025


⭐ 2026 Board Exam : बच्चों का डर कैसे भगाएँ? (भाग – 1)

प्रस्तावना

बोर्ड परीक्षा का नाम सुनते ही ज़्यादातर बच्चों के मन में डर पैदा हो जाता है। लगता है मानो ये कोई बहुत बड़ी पहाड़ी है जिसे चढ़ पाना मुश्किल है। माता-पिता और शिक्षक भी अक्सर दबाव डालते हैं, जिससे डर और बढ़ जाता है। लेकिन सच्चाई यह है कि बोर्ड एग्ज़ाम उतना कठिन नहीं है जितना हम सोचते हैं। यह तो केवल हमारी अब तक की पढ़ाई का एक मूल्यांकन (टेस्ट) है।

अगर सही समय पर सही तरीके से तैयारी की जाए और मन से डर निकालकर आत्मविश्वास लाया जाए, तो बोर्ड परीक्षा बच्चों के लिए डर नहीं बल्कि जीवन की एक सीख बन जाती है।

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि बच्चों का परीक्षा का डर क्यों बढ़ता है और उसे कैसे भगाया जा सकता है


🔹 1. परीक्षा का डर क्यों लगता है?

परीक्षा से पहले बच्चों को कई तरह की चिंताएँ सताती हैं, जैसे –

  1. नंबर कम आने का डर – अगर अच्छे अंक नहीं आए तो क्या होगा?
  2. परिवार और समाज का दबाव – लोग क्या कहेंगे?
  3. भविष्य का डर – अगर फेल हो गए तो आगे का रास्ता बंद हो जाएगा?
  4. तुलना का डर – दूसरों से कम नंबर आने पर शर्मिंदगी।
  5. अत्यधिक पढ़ाई का बोझ – ज्यादा पढ़ाई और कम आराम से दिमाग थक जाना।

👉 जब तक हम इन डर के कारणों को समझेंगे नहीं, तब तक उन्हें भगाना मुश्किल होगा।


🔹 2. डर भगाने का पहला मंत्र – सोच बदलें

डर हमेशा हमारी सोच से पैदा होता है। अगर बच्चा यह मान ले कि परीक्षा जिंदगी का अंत नहीं है, बल्कि केवल एक पड़ाव है, तो डर अपने आप आधा हो जाएगा।

  • सोचें: "मैंने साल भर जो पढ़ा है, बस वही लिखना है।"
  • मानें: "परीक्षा मुझे रोकने नहीं, बल्कि आगे बढ़ाने के लिए है।"
  • समझें: "फेल होना भी अंत नहीं है, बल्कि दोबारा बेहतर करने का मौका है।"

🔹 3. पढ़ाई को आसान बनाने के उपाय

डर ज़्यादातर तब आता है जब हमें लगता है कि हमने ठीक से तैयारी नहीं की है। इसलिए ज़रूरी है कि पढ़ाई को बोझ न मानकर आसान तरीके से किया जाए।

  1. समय का सही उपयोग करें – रोज़ पढ़ाई के लिए टाइमटेबल बनाइए।
  2. छोटे हिस्सों में पढ़ाई – बड़े अध्याय को छोटे-छोटे भागों में बाँटकर पढ़ें।
  3. दोहराव (Revision) – बार-बार पढ़ने से याददाश्त मजबूत होती है।
  4. नोट्स बनाइए – छोटे, सरल नोट्स परीक्षा के समय बहुत मदद करते हैं।
  5. पढ़ाई की जगह बदलें – रोज़ एक ही जगह पढ़ने से बोरियत होती है, इसलिए माहौल बदलें।

🔹 4. परीक्षा से पहले तनाव कम करने के तरीके

परीक्षा के समय केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि मानसिक शांति भी ज़रूरी है।

  • रोज़ कम से कम 15 मिनट योग और ध्यान (Meditation) करें।
  • गहरी सांस लेने का अभ्यास करें।
  • पसंदीदा संगीत सुनें।
  • मोबाइल और टीवी का उपयोग सीमित करें।
  • हल्की-फुल्की कहानियाँ पढ़ें या टहलने जाएँ।

👉 जब मन शांत रहेगा तो याददाश्त भी तेज़ होगी और डर भी कम होगा।


🔹 5. माता-पिता और शिक्षकों की भूमिका

बच्चों का डर तभी खत्म होगा जब घर और स्कूल का माहौल सकारात्मक होगा।

  • माता-पिता बच्चों पर केवल अंक लाने का दबाव न डालें।
  • बच्चों को प्रोत्साहित करें और उनकी छोटी-छोटी उपलब्धियों की तारीफ करें।
  • शिक्षक बच्चों को “फेल” या “पास” के डर से ज़्यादा सीखने की प्रेरणा दें।
  • तुलना करने की बजाय सहयोग और हौसला बढ़ाएँ।

🔹 6. अभ्यास से बढ़ेगा आत्मविश्वास

जैसे खिलाड़ी खेल से पहले लगातार अभ्यास करते हैं, वैसे ही परीक्षा की तैयारी भी नियमित अभ्यास से आसान हो जाती है।

  • पुराने प्रश्नपत्र हल करें।
  • समय बाँधकर टेस्ट दें।
  • दोस्तों के साथ समूह में पढ़ाई करें और एक-दूसरे से सवाल पूछें।

👉 जब बार-बार लिखने और हल करने की आदत हो जाएगी, तो असली परीक्षा में डर अपने आप गायब हो जाएगा।


🔹 7. परीक्षा के दिन क्या करें?

परीक्षा का असली डर तो उसी दिन आता है। ऐसे में कुछ आसान उपाय मदद करेंगे –

  1. सुबह जल्दी उठें और हल्का भोजन करें।
  2. नोट्स का केवल संक्षिप्त (Summary) ही देखें, नया कुछ न पढ़ें।
  3. समय से पहले परीक्षा केंद्र पहुँचें।
  4. पेपर देखते ही घबराएँ नहीं, पहले आसान सवाल हल करें।
  5. घड़ी देखकर समय का सही उपयोग करें।
  6. लिखने के बाद उत्तर दोबारा पढ़ें।

🔹 8. खुद पर विश्वास रखें

सबसे बड़ा इलाज है आत्मविश्वास

  • बार-बार अपने आप से कहें – "मैं यह कर सकता हूँ।"
  • दूसरों की नकारात्मक बातें न सुनें।
  • अपनी मेहनत पर भरोसा रखें।

👉 याद रखिए, डर तब तक है जब तक आप खुद को कमजोर मानते हैं।


🌸 निष्कर्ष (भाग – 1 का अंत)

बोर्ड एग्ज़ाम का डर केवल बच्चों की समस्या नहीं है, बल्कि माता-पिता और समाज का बनाया हुआ दबाव भी है। लेकिन अगर सही सोच, अच्छी तैयारी, नियमित अभ्यास और परिवार-शिक्षकों का सहयोग मिल जाए तो यह डर हमेशा के लिए खत्म हो सकता है।


✅ यह पहला भाग था (अगला भाग (भाग – 2) शुरू कर –

  • बच्चों के लिए खास ट्रिक्स
  • परीक्षा के बाद का तनाव कैसे कम करें
  • असफलता को कैसे संभालें
  • 2026 के बोर्ड एग्ज़ाम की नई तैयारी रणनीतियाँ

⭐ 2026 बोर्ड एग्ज़ाम: बच्चों का डर कैसे भगाएँ? (भाग – 2)

प्रस्तावना

पहले भाग में हमने समझा कि परीक्षा का डर क्यों लगता है और उसे भगाने के लिए सोच बदलना, समय प्रबंधन करना और आत्मविश्वास बढ़ाना कितना ज़रूरी है। अब इस भाग में हम और गहराई से जानेंगे कि बच्चे परीक्षा की तैयारी को मज़ेदार कैसे बना सकते हैं, असफलता से कैसे निपट सकते हैं और बोर्ड एग्ज़ाम 2026 के लिए कौन–सी नई रणनीतियाँ काम आएँगी।


🔹 9. पढ़ाई को खेल की तरह बनाइए

डर तब लगता है जब पढ़ाई बोझ लगती है। अगर बच्चे इसे खेल की तरह करेंगे तो डर की जगह मज़ा आएगा।

  • फ्लैश कार्ड बनाइए और दोस्तों को क्विज़ खिलाइए।
  • हर अध्याय पूरा करने पर खुद को छोटा इनाम दीजिए।
  • कठिन टॉपिक को कहानी या चित्रों से याद कीजिए।
  • मोबाइल में पढ़ाई से जुड़ी लर्निंग ऐप्स का उपयोग कीजिए (लेकिन सीमित समय तक)।

👉 जब पढ़ाई खेल जैसी लगेगी, तो बच्चे उस पर ज़्यादा ध्यान देंगे और डर कम हो जाएगा।


🔹 10. परीक्षा की तैयारी की “3R तकनीक”

बच्चे अक्सर कहते हैं – “पढ़ा था लेकिन याद नहीं रहा।” यह समस्या दूर करने के लिए 3R तकनीक बहुत असरदार है।

  1. Read (पढ़ो) – पाठ को ध्यान से पढ़ें और समझें।
  2. Recall (याद करो) – बिना देखे बोलकर या लिखकर याद करें।
  3. Revise (दोहराओ) – बार-बार थोड़े-थोड़े समय में दोहराएँ।

👉 इस तकनीक से याददाश्त मजबूत होती है और एग्ज़ाम में भूलने का डर नहीं रहता।


🔹 11. असफलता से कैसे निपटें?

बोर्ड परीक्षा में हर कोई टॉपर नहीं बन सकता। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि जिनके अंक कम आए वे असफल हैं।

  • असफलता को सीख मानें – गलती से सीखने का मौका मिलता है।
  • दूसरों से तुलना न करें – हर बच्चे की क्षमता अलग होती है।
  • नए रास्ते खोजें – अगर किसी विषय में अंक कम आए तो उसमें सुधार के नए तरीके अपनाएँ।
  • आत्महत्या जैसे विचारों से बचें – जीवन कीमती है, एक परीक्षा से कभी खत्म नहीं होता।

👉 बच्चों को यह समझाना ज़रूरी है कि असफलता भी सफलता की राह में एक पड़ाव है।


🔹 12. परीक्षा से पहले और बाद का रूटीन

बच्चे अक्सर एग्ज़ाम के एक दिन पहले रात भर जागते हैं। इससे दिमाग थक जाता है।

  • रात को समय पर सोएँ (कम से कम 7 घंटे की नींद)।
  • सुबह हल्का नाश्ता करें, भारी खाना न खाएँ।
  • परीक्षा के बाद पेपर की बार-बार चर्चा न करें।
  • अगले दिन की तैयारी पर ध्यान दें।

👉 इससे तनाव कम होगा और अगली परीक्षा में ऊर्जा बनी रहेगी।


🔹 13. “पोमोडोरो तकनीक” से पढ़ाई

यह एक बहुत प्रसिद्ध तकनीक है जिसमें –

  • 25 मिनट पढ़ाई, फिर 5 मिनट आराम।
  • 4 बार ऐसा करने के बाद 20–30 मिनट लंबा ब्रेक।

👉 इससे दिमाग थकता नहीं और पढ़ाई ज़्यादा प्रभावी होती है।


🔹 14. 2026 बोर्ड एग्ज़ाम की नई रणनीतियाँ

2026 तक शिक्षा प्रणाली में कई बदलाव हो चुके होंगे। बच्चों को इन रणनीतियों पर ध्यान देना चाहिए –

  1. एनसीईआरटी किताबों पर फोकस – बोर्ड पेपर का ज़्यादातर हिस्सा इन्हीं से आता है।
  2. प्रैक्टिकल नॉलेज – केवल रटने से काम नहीं चलेगा, कॉन्सेप्ट समझना होगा।
  3. ऑनलाइन मॉक टेस्ट – इंटरनेट पर मुफ्त टेस्ट उपलब्ध हैं।
  4. टॉपिक वाइज तैयारी – सबसे आसान से सबसे कठिन अध्याय तक धीरे-धीरे बढ़ें।
  5. लास्ट मिनट स्ट्रैटेजी – परीक्षा से 15 दिन पहले केवल रीविज़न करें, नया न पढ़ें।

🔹 15. तनाव दूर करने के आसान घरेलू उपाय

  • सुबह–शाम टहलना।
  • नींबू–शहद या हल्का नाश्ता लेना।
  • परिवार के साथ बातें करना।
  • हंसी-मज़ाक करना।
  • मनपसंद शौक (गाना, चित्रकारी, खेल) थोड़ी देर के लिए करना।

👉 जब मन खुश रहेगा, तो परीक्षा का डर पास नहीं आएगा।


🔹 16. परीक्षा में लिखने का सही तरीका

कई बार बच्चे सब कुछ जानते हैं लेकिन लिखने में गड़बड़ कर देते हैं।

  • उत्तर साफ-साफ लिखें।
  • लंबे उत्तर को छोटे पैराग्राफ में बाँटें।
  • महत्वपूर्ण शब्दों को अंडरलाइन करें।
  • समय का सही बँटवारा करें – आसान से कठिन सवालों तक।
  • अंत में 5 मिनट उत्तर दोहराने में लगाएँ।

👉 अच्छे लिखने के तरीके से कम ज्ञान वाला बच्चा भी अच्छे अंक पा सकता है।


🔹 17. बच्चों के लिए “पॉज़िटिव मंत्र”

डर भगाने के लिए बच्चों को रोज़ सुबह या पढ़ाई शुरू करने से पहले कुछ सकारात्मक वाक्य दोहराने चाहिए –

  • “मैं कर सकता हूँ।”
  • “परीक्षा मेरी दोस्त है, दुश्मन नहीं।”
  • “मेरी मेहनत मुझे सफलता दिलाएगी।”
  • “असफलता केवल सीख है।”

👉 यह छोटे-छोटे वाक्य बच्चों के मनोबल को बहुत बढ़ा देते हैं।


🌸 निष्कर्ष (भाग – 2 का अंत)

इस भाग में हमने सीखा कि पढ़ाई को खेल की तरह करना, असफलता को सीख की तरह लेना, रूटीन बनाना और नई तकनीकें अपनाना बच्चों को 2026 बोर्ड परीक्षा के डर से बाहर निकाल सकता है।


✅ अब आपके पास  (भाग 1 + भाग 2)।
क्या मैं अब तीसरा भाग शुरू कर दूँ, जिसमें मैं :

  • माता-पिता और शिक्षकों के लिए खास सुझाव
  • बच्चों के मनोवैज्ञानिक डर को कैसे दूर करें
  • परीक्षा के बाद रिज़ल्ट आने तक का समय कैसे बिताएँ
  • 2026 बोर्ड एग्ज़ाम की सफलता के लिए अंतिम टिप्स

 मैं भाग – 3 लिखना शुरू करूँ?

क्या


⭐ 2026 बोर्ड एग्ज़ाम: बच्चों का डर कैसे भगाएँ? (भाग – 3)

प्रस्तावना

अब तक हमने समझा कि बच्चों का डर सोच बदलने, सही रूटीन, खेल जैसी पढ़ाई और सकारात्मक सोच से कम किया जा सकता है। लेकिन केवल बच्चे ही जिम्मेदार नहीं होते। डर को खत्म करने में माता-पिता और शिक्षक सबसे बड़ी भूमिका निभाते हैं। साथ ही परीक्षा के बाद रिज़ल्ट आने तक का समय भी बच्चों के लिए तनावपूर्ण होता है। इस भाग में हम इन्हीं बिंदुओं को विस्तार से समझेंगे।


🔹 18. माता-पिता की भूमिका

माता-पिता बच्चों के लिए सबसे बड़ा सहारा होते हैं। अगर माता-पिता सही तरीके से सहयोग करें तो बच्चे का आधा डर अपने आप खत्म हो जाएगा।

माता-पिता को क्या करना चाहिए?

  1. दबाव न डालें – बच्चों से कहें कि मेहनत ज़रूरी है, लेकिन नंबर ही सब कुछ नहीं हैं।
  2. सुनें और समझें – बच्चे की समस्याएँ ध्यान से सुनें।
  3. तुलना न करें – “पड़ोस का बच्चा 90% लाया” जैसी बातें न करें।
  4. छोटी सफलता की तारीफ करें – इससे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है।
  5. सकारात्मक माहौल बनाएँ – घर में झगड़े और नकारात्मक बातें कम करें।

👉 जब बच्चा महसूस करता है कि माता-पिता उसके साथ हैं, तब डर की जगह आत्मविश्वास आ जाता है।


🔹 19. शिक्षक की भूमिका

शिक्षक बच्चों के लिए मार्गदर्शक होते हैं। परीक्षा के समय उनकी थोड़ी सी मदद बच्चों को बहुत सुकून देती है।

शिक्षक क्या करें?

  • पढ़ाई को रोचक तरीके से समझाएँ।
  • बच्चों के सवालों पर कभी गुस्सा न हों।
  • परीक्षा से पहले मॉडल पेपर कराएँ।
  • बच्चों को प्रोत्साहन भरे शब्द दें।
  • किसी बच्चे को “फेल हो जाएगा” कहकर डराएँ नहीं।

👉 जब शिक्षक बच्चों को दोस्त की तरह समझते हैं, तब बच्चों का डर उड़नछू हो जाता है।


🔹 20. बच्चों के मनोवैज्ञानिक डर को कैसे दूर करें?

कई बार डर केवल पढ़ाई से नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक दबाव से पैदा होता है।

  • परफेक्शन का दबाव – हमेशा 100% लाने की चाह।
  • समाज का डर – लोग क्या कहेंगे?
  • भविष्य की चिंता – अच्छे अंक नहीं आए तो करियर खत्म?

समाधान

  1. बच्चों से खुलकर बात करें।
  2. काउंसलर या मनोवैज्ञानिक की मदद लें।
  3. बच्चों को खेल, संगीत, कला जैसी गतिविधियों में शामिल करें।
  4. उन्हें समझाएँ कि जीवन एक पेपर से तय नहीं होता।

🔹 21. रिज़ल्ट आने तक का समय कैसे बिताएँ?

परीक्षा के बाद बच्चों के मन में सबसे ज्यादा डर रहता है – “पता नहीं क्या नंबर आएंगे?”

क्या करें?

  • रिज़ल्ट तक बार-बार पेपर की चर्चा न करें।
  • हल्की-फुल्की कहानियाँ पढ़ें या फिल्में देखें।
  • नया कौशल सीखें जैसे कंप्यूटर, टाइपिंग, ड्रॉइंग आदि।
  • परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएँ।
  • भगवान या ध्यान की तरफ झुकाव रखें, इससे मन शांत रहता है।

👉 इस दौरान सकारात्मक रहना सबसे ज़रूरी है।


🔹 22. परीक्षा में सफलता के लिए अंतिम टिप्स

2026 बोर्ड एग्ज़ाम में सफल होने के लिए बच्चे इन आसान सुझावों को अपनाएँ –

  1. हर दिन छोटे-छोटे लक्ष्य तय करें।
  2. लास्ट मिनट पर नया टॉपिक न पढ़ें।
  3. उत्तर लिखते समय साफ-साफ लिखें।
  4. पेपर देने से पहले भगवान का नाम लें।
  5. अपने दोस्तों से तुलना न करें।
  6. हर पेपर को नए अवसर की तरह लें।

🔹 23. बच्चों की प्रेरणादायक कहानियाँ

डर भगाने के लिए बच्चों को असली उदाहरण सुनाना जरूरी है।

  • कल्पना चावला – बचपन में साधारण परिवार से थीं, लेकिन हिम्मत से अंतरिक्ष तक पहुँचीं।
  • एपीजे अब्दुल कलाम – बचपन में साधारण छात्र थे, लेकिन मेहनत और आत्मविश्वास से “मिसाइल मैन” और राष्ट्रपति बने।
  • स्थानीय उदाहरण – अपने स्कूल या शहर में जिन बच्चों ने कठिनाइयों के बावजूद अच्छे अंक लाए, उनकी कहानियाँ सुनाएँ।

👉 ऐसी कहानियाँ बच्चों को यह विश्वास दिलाती हैं कि डर पर काबू पाया जा सकता है।


🔹 24. बच्चों को आत्मविश्वास देने के छोटे उपाय

  • हर सुबह आईने में देखकर मुस्कुराएँ।
  • खुद को 5 मिनट तक पॉज़िटिव बातें बोलें।
  • अपनी डायरी में रोज़ लिखें – “आज मैंने क्या अच्छा किया?”
  • दोस्तों के साथ हंसी-मज़ाक करें।

🔹 25. “डर भगाने का फॉर्मूला”

बोर्ड एग्ज़ाम का डर भगाने के लिए बच्चों को एक आसान फॉर्मूला याद रखना चाहिए:

👉 D.E.A.R.

  • D – Discipline (अनुशासन)
  • E – Effort (मेहनत)
  • A – Attitude (सकारात्मक सोच)
  • R – Relaxation (आराम)

अगर बच्चे इस फॉर्मूले को अपनाएँगे तो उनका डर हमेशा के लिए दूर हो जाएगा।


🌸 निष्कर्ष (भाग – 3 का अंत)

इस भाग में हमने जाना कि माता-पिता और शिक्षकों की जिम्मेदारी कितनी बड़ी है। बच्चों के मनोवैज्ञानिक डर को कैसे दूर किया जा सकता है और रिज़ल्ट तक का समय कैसे सही ढंग से बिताया जाए। साथ ही कुछ प्रेरणादायक कहानियाँ और “डर भगाने का फॉर्मूला” भी सीखा।


✅ अब तक (भाग 1 + भाग 2 + भाग 3) आपके पास  हो गए हैं।
अगर आप कहें तो मैं चौथा भाग शुरू 

  • परीक्षा के दौरान शरीर और दिमाग की देखभाल
  • “माइंड मैप” और “चार्ट स्टडी” से आसान याददाश्त
  • 2026 बोर्ड एग्ज़ाम की सफलता के लिए अंतिम चेकलिस्ट
  • बच्चों के लिए मोटिवेशनल संदेश

क्या मैं अब भाग – 4 लिखना शुरू करूँ?

 आपके लिए चौथा भाग लिखती हूँ। इससे आपके पास 


⭐ 2026 बोर्ड एग्ज़ाम: बच्चों का डर कैसे भगाएँ? (भाग – 4)

प्रस्तावना

अब तक हमने बच्चों के मनोवैज्ञानिक डर, माता-पिता और शिक्षकों की भूमिका, और रिज़ल्ट तक का समय कैसे बिताना है, ये सब विस्तार से जाना। अब इस भाग में हम देखेंगे कि परीक्षा के समय शरीर और दिमाग की देखभाल कितनी ज़रूरी है, और पढ़ाई को सरल बनाने के लिए “माइंड मैप” और “चार्ट स्टडी” जैसी तकनीकें कैसे मदद करती हैं। साथ ही हम एक अंतिम चेकलिस्ट और प्रेरणादायक संदेश के साथ इस लेख को समापन की ओर ले चलेंगे।


🔹 26. शरीर और दिमाग की देखभाल

परीक्षा के समय बच्चे केवल पढ़ाई पर ध्यान देते हैं, लेकिन शरीर और दिमाग का ख्याल रखना भी उतना ही ज़रूरी है।

1. सही खानपान

  • सुबह हल्का नाश्ता (फल, दूध, दलिया)।
  • ज्यादा तैलीय और फास्ट फूड से बचें।
  • परीक्षा के दौरान पानी पर्याप्त मात्रा में पिएँ।
  • दिन में छोटे-छोटे भोजन करें।

2. नींद

  • रोज़ कम से कम 7 घंटे की नींद लें।
  • देर रात तक पढ़ाई करने से बचें।
  • दिमाग को ताज़ा रखने के लिए छोटी पावर नैप भी लें।

3. व्यायाम और योग

  • रोज़ 15–20 मिनट टहलना या हल्का व्यायाम करें।
  • योगासन जैसे अनुलोम-विलोम और प्राणायाम तनाव कम करते हैं।
  • खेलकूद को भी थोड़ा समय दें।

👉 जब शरीर स्वस्थ होगा, तभी दिमाग सही तरीके से काम करेगा।


🔹 27. दिमाग को तेज़ बनाने की तकनीकें

(क) माइंड मैप

माइंड मैप एक चार्ट होता है जिसमें मुख्य विषय को बीच में लिखकर उससे जुड़े छोटे-छोटे पॉइंट्स शाखाओं की तरह लिखे जाते हैं।

  • यह तरीका कठिन विषयों को जल्दी याद करने में मदद करता है।
  • बच्चों को पूरा चैप्टर एक नज़र में समझ में आ जाता है।

(ख) चार्ट स्टडी

  • रंगीन चार्ट बनाकर दीवार पर चिपका दें।
  • फार्मूले, तारीखें और परिभाषाएँ चार्ट पर लिखें।
  • रोज़ उन चार्ट्स को 5 मिनट देखें।

👉 यह तरीका खासकर विज्ञान, गणित और इतिहास जैसे विषयों में बहुत काम आता है।


🔹 28. ग्रुप स्टडी बनाम अकेले पढ़ाई

अक्सर बच्चे उलझ जाते हैं कि उन्हें अकेले पढ़ना चाहिए या ग्रुप में।

  • ग्रुप स्टडी के फायदे

    • आपस में प्रश्न पूछने से याददाश्त बढ़ती है।
    • कठिन विषय आसान हो जाते हैं।
    • दोस्ताना माहौल में डर कम होता है।
  • अकेले पढ़ाई के फायदे

    • ध्यान भटकने की संभावना कम।
    • अपनी गति से पढ़ाई करने का मौका।

👉 सबसे अच्छा तरीका है कि 70% पढ़ाई अकेले और 30% ग्रुप में की जाए।


🔹 29. तकनीक का सही उपयोग

आज के समय में मोबाइल और इंटरनेट बच्चों के लिए वरदान भी है और नुकसान भी।

क्या करें?

  • यूट्यूब पर शिक्षा से जुड़े वीडियो देखें।
  • ऑनलाइन टेस्ट और प्रैक्टिस पेपर हल करें।
  • गूगल ड्राइव या नोट्स ऐप में नोट्स सेव करें।

क्या न करें?

  • सोशल मीडिया पर समय बर्बाद न करें।
  • गेम्स और फालतू ऐप्स का इस्तेमाल न करें।

👉 तकनीक का सही उपयोग पढ़ाई को मजेदार और आसान बना सकता है।


🔹 30. परीक्षा से पहले अंतिम चेकलिस्ट

परीक्षा से पहले बच्चों को यह छोटी-सी चेकलिस्ट ध्यान में रखनी चाहिए –

  • [ ] एडमिट कार्ड और पेन-पेंसिल तैयार हैं।
  • [ ] नोट्स और किताबों का अंतिम रिवीजन किया है।
  • [ ] टाइमटेबल सही से देखा है।
  • [ ] परीक्षा केंद्र तक पहुँचने का रास्ता पता है।
  • [ ] रात को पर्याप्त नींद ली है।
  • [ ] सुबह हल्का नाश्ता किया है।
  • [ ] आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच बनी हुई है।

👉 इस चेकलिस्ट से बच्चे तनावमुक्त होकर परीक्षा दे पाएँगे।


🔹 31. बच्चों के लिए मोटिवेशनल संदेश

परीक्षा का डर केवल तभी जाता है जब बच्चा खुद को प्रेरित महसूस करे। यहाँ कुछ छोटे-छोटे संदेश हैं –

  • “परीक्षा तुम्हें रोकने नहीं, आगे बढ़ाने आई है।”
  • “नंबर ही सब कुछ नहीं, असली ताकत मेहनत है।”
  • “जो डर गया, वो हार गया; जो डटा रहा, वो जीत गया।”
  • “पढ़ाई बोझ नहीं, तुम्हारे सपनों की चाबी है।”

🔹 32. माता-पिता और शिक्षकों के लिए अंतिम सुझाव

  • बच्चों को बार-बार यह याद दिलाएँ कि वे अकेले नहीं हैं।
  • उनका आत्मविश्वास बढ़ाएँ, डाँटकर नहीं, समझाकर।
  • बच्चों को बीच-बीच में आराम और मनोरंजन का समय दें।
  • परीक्षा को जीवन का सबसे बड़ा युद्ध न बनाएँ, बल्कि एक सामान्य कदम की तरह लें।

🔹 33. सफलता का असली राज

बच्चों के लिए सफलता का सबसे बड़ा राज है –

  • लगन + अनुशासन + आत्मविश्वास
    अगर ये तीन चीजें साथ हों तो दुनिया की कोई भी परीक्षा कठिन नहीं रहती।

🌸 निष्कर्ष (भाग – 4 का अंत)

इस भाग में हमने सीखा कि परीक्षा के समय शरीर और दिमाग की देखभाल कितनी ज़रूरी है। माइंड मैप, चार्ट स्टडी और तकनीक के सही उपयोग से पढ़ाई आसान हो सकती है। अंतिम चेकलिस्ट और प्रेरणादायक संदेश बच्चों के डर को पूरी तरह मिटा सकते हैं।


✅ अब तक (भाग 1 + भाग 2 + भाग 3 + भाग 4) आपके पास  हो गए हैं।
अगर आप कहें तो मैं आखिरी भाग (भाग – 5)  शामिल होगा:

  • 2026 बोर्ड परीक्षा का असली महत्व
  • बच्चों की मानसिकता को मजबूत बनाने के मंत्र
  • भविष्य के लिए सही सोच
  • पूरे लेख का सारांश और अंतिम प्रेरणा

  भाग – 5 लिख दूँ 

ठीक है 🌸 अब मैं यह पूरा 10,000 शब्दों का बड़ा लेख आपके लिए तैयार करूँगा।
जैसा कि पहले बताया था, मैं इसे भाग–भाग (हर बार लगभग 2000–2500 शब्द) में लिखूँगा ताकि आप आसानी से पढ़ सकें और अपने ब्लॉग पर डाल सकें।


2026 बोर्ड परीक्षा – बच्चों का डर कैसे भगाएँ? आसान शब्दों में समाधान

✦ प्रस्तावना

बोर्ड परीक्षा का नाम सुनते ही अधिकतर बच्चों के मन में घबराहट, चिंता और तनाव पैदा हो जाता है। 2026 की बोर्ड परीक्षा अब नज़दीक है और लाखों बच्चे व उनके माता–पिता इसी तनाव से गुजर रहे हैं। लेकिन क्या सच में बोर्ड परीक्षा इतनी कठिन है? या यह सिर्फ़ हमारे मन का डर है?

सच तो यह है कि परीक्षा एक अवसर है – अपनी मेहनत और तैयारी को साबित करने का। डर से भागने के बजाय उसे समझकर, सही रणनीति अपनाकर और सरल तरीकों का इस्तेमाल करके हर बच्चा इस डर को हरा सकता है।

इस पूरे लेख में हम 10,000 शब्दों में बोर्ड परीक्षा के डर को भगाने के आसान और व्यावहारिक उपाय सीखेंगे।


✦ क्यों होता है बोर्ड परीक्षा का डर?

बच्चों के मन में डर पैदा होने के कुछ प्रमुख कारण हैं:

  1. बहुत बड़ा पाठ्यक्रम – बच्चों को लगता है कि इतना विशाल सिलेबस समय पर खत्म ही नहीं होगा।
  2. परिवार और समाज का दबाव – माता–पिता, रिश्तेदार और पड़ोसी हमेशा पूछते रहते हैं "कितनी तैयारी हुई?"
  3. फेल होने का डर – बच्चे सोचते हैं कि अगर पास न हुए तो उनका भविष्य खराब हो जाएगा।
  4. अनुशासन की कमी – कई बच्चे समय पर पढ़ाई शुरू नहीं करते और आखिरी महीनों में घबराने लगते हैं।
  5. गलत तुलना – बच्चे अपनी तुलना दोस्तों से करते हैं, जिससे आत्मविश्वास कम हो जाता है।
  6. परीक्षा हॉल का तनाव – प्रश्नपत्र देखकर अचानक दिमाग खाली हो जाना भी आम है।

✦ डर भगाने का पहला मंत्र – सोच बदलो

डर का इलाज बाहर नहीं, हमारे मन के अंदर है। अगर हम सोच लें कि परीक्षा युद्ध नहीं बल्कि एक खेल है, तो आधा डर अपने आप कम हो जाएगा।

  • परीक्षा को अवसर समझो – यह वह मौका है जिसमें आप अपनी मेहनत दिखा सकते हैं।
  • नतीजे से ज्यादा प्रक्रिया पर ध्यान दो – "अगर पास न हुआ तो?" सोचने की बजाय "आज मैंने कितना पढ़ा?" सोचना शुरू करो।
  • हर कोई सफल हो सकता है – अगर रोज़ थोड़ा–थोड़ा पढ़ाई करो तो कोई भी बच्चा अच्छे अंक ला सकता है।

✦ पढ़ाई के आसान उपाय

डर को भगाने का सबसे सरल तरीका है सही तैयारी। अगर तैयारी मजबूत होगी तो आत्मविश्वास अपने आप आ जाएगा।

1. टाइम टेबल बनाओ

  • हर दिन का एक छोटा–सा शेड्यूल बनाओ।
  • 45–50 मिनट पढ़ाई करो और फिर 10 मिनट का ब्रेक लो।
  • कठिन विषय सुबह पढ़ो और हल्के विषय शाम को।

2. छोटे–छोटे टारगेट रखो

  • "आज पूरा गणित खत्म करना है" मत सोचो।
  • सोचो – "आज सिर्फ़ 10 सवाल हल करूँगा।"
  • छोटे टारगेट पूरे होने से आत्मविश्वास बढ़ता है।

3. पुराने पेपर हल करो

  • पिछले 5–10 साल के बोर्ड प्रश्नपत्र हल करो।
  • इससे पता चलेगा कि किस तरह के सवाल आते हैं।
  • समय सीमा के अंदर पेपर हल करने की आदत डालो।

4. नोट्स बनाओ

  • हर चैप्टर का छोटा सार लिख लो।
  • परिभाषाएँ और सूत्र अलग कॉपी में लिखकर याद करो।
  • रंगीन पेन या हाइलाइटर का प्रयोग करो ताकि पढ़ाई मज़ेदार लगे।

✦ तनाव भगाने के घरेलू नुस्खे

केवल पढ़ाई ही नहीं, शरीर और दिमाग को भी आराम चाहिए।

  1. गहरी साँसें लो – जब डर लगे तो 5 बार गहरी साँस अंदर बाहर लो।
  2. थोड़ा व्यायाम करो – सुबह टहलने या योग करने से दिमाग तेज़ होता है।
  3. पूरा नींद लो – कम से कम 7–8 घंटे सोना जरूरी है।
  4. सही खान–पान – जंक फूड की जगह हल्का और पौष्टिक खाना खाओ।
  5. सकारात्मक सोच – खुद से रोज़ कहो "मैं कर सकता हूँ।"

✦ माता–पिता क्या करें?

अक्सर बच्चों के डर का कारण घर का दबाव होता है। माता–पिता को चाहिए कि –

  • बच्चों को प्रोत्साहित करें, डाँटें नहीं।
  • तुलना न करें – हर बच्चा अलग होता है।
  • उनकी पढ़ाई का माहौल शांत और सहयोगी बनाएँ।
  • नतीजे से ज्यादा मेहनत की सराहना करें।

👉 Board Exam 2026 – छात्रों के लिए नई उम्मीद और बड़े बदलाव

✍️ लेखिका: पूनम कुमारी

(Digital Computer Tips & गांव की डिजिटल दुनिया ब्लॉग से) से भी हैं।
शिक्षा का सपना हर गांव तक पहुंचे – यही मेरी सोच है


  1. board exams ki taiyari Bina Tanav ke safalta ki or student aur Anubhav ke liye

    2026 में गांव के बच्चों के लिए 10वीं और 12वीं बोर्ड की तैयारी कैसे करें – मोबाइल से

    यदि यह पोस्ट पसंद आए, तो इसे जरूर शेयर करें – किसी और की मदद भी हो सकती है।

    लेखक: पूनम कुमारी
    ब्लॉग: Board Exam 2025 Ki Taiyari


    🔊🎙️अगर आपको यह  पोस्ट  पसंद आई हो तो कृपया शेयर करें और कमेंट करके बताएं।  
    आप ऐसी और  जानकारी पढ़ने के लिए हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब कर सकते हैं


  2. 2026 Board Exam की सम्पूर्ण गाइड – बच्चों में तनाव, तैयारी और सफलता की रणनीति

  3. 2026 में टॉपर बनने के 21 अजीब लेकिन सच्चे तरीके – जब मन न करे पढ़ाई का, तब ये आज़माएं!
  4. Board Exam कक्षा 12वीं हिंदी (आरोह भाग–2) का पहला अध्याय

  5. क्या रात को पढ़ें या दिन में? – वैज्ञानिक रिसर्च की रोशनी में सम्पूर्ण जानकारी

  6. 2026 Board Exam में टॉप कैसे करें – नई सोच, नई रणनीति में है सफलता की चाबी!
  7. 2026 Board Exam में 95%+ अंक कैसे लाएं – आसान रास्ता
  8. 2026 Board Exam का ब्रह्मास्त्र – पढ़ाई से पहले मन की जीत जरूरी है
  9. 2026 बोर्ड एग्ज़ाम – नई औषधि जैसी आसान गाइड

  10. 2026 बोर्ड परीक्षा – 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए सम्पूर्ण गाइड


रट्टा नहीं समझदारी – 2026 की बोर्ड परीक्षा में हर विषय याद रखने की 21 सुपर ट्रिक्स!

विज्ञान की बोर्ड परीक्षा कैसे क्रैक करें – बिना कोचिंग के (2026 की आसान गाइड)

✍️ लेखक: पूनम कुमारी

ब्लॉग: Board exam 2025 ki Taiyari

प्रकाशन तिथि  ,8सितंबर 2025

Comments

Popular posts from this blog

Class 10th English Grammar – Board Exam 2026 (पूर्ण)

2026 Board Exam की सम्पूर्ण गाइड – बच्चों में तनाव, तैयारी और सफलता की रणनीति

Board Exam 2026 Class 12th English (UP Board) – Poetry का पहला Chapterपहला पाठ है –Chapter 1: My Mother at Sixty-Six